मैं शबनम मैं शोला, मैं मीठी छुरी हूँ । मैं भारत की बेटी, सभी की दुलारी। मैं शबनम मैं शोला, मैं मीठी छुरी हूँ । मैं भारत की बेटी, सभी की दुलारी।
तोड़ अपनी ही छत हमें क्या मिलेगा ? हर टुकड़े से केवल यहाँ लहू गिरेगा , तोड़ अपनी ही छत हमें क्या मिलेगा ? हर टुकड़े से केवल यहाँ लहू गिरेगा ,
ताकत अपनी भुजाओं में रखते लक्ष्य निगाहों में कोमल हैं कमजोर नहीं शौर्य हैं, हम शक्ति ताकत अपनी भुजाओं में रखते लक्ष्य निगाहों में कोमल हैं कमजोर नहीं शौर्य ...
लगे माँ बाप को लम्बे बहुत लम्हें जुदाई के अभी महीने हुए थे चार बेटी की विदाई के। लगे माँ बाप को लम्बे बहुत लम्हें जुदाई के अभी महीने हुए थे चार बेटी की विदाई ...
माँ वसुंधरा ने सिखाया है... वसुधैव कुटुम्बकम। माँ वसुंधरा ने सिखाया है... वसुधैव कुटुम्बकम।
अतिथि की कौन कहे, तिथि पर भी, पाहुन से मिलने में घबराती है। अतिथि की कौन कहे, तिथि पर भी, पाहुन से मिलने में घबराती है।